सेल्युलर जेल में वीर सावरकर जी की कोठरी में जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी कोठरी में स्वयं को तिल-तिल जलाकर उन्होंने देशवासियों में स्वाधीनता की लौ जलाई। उनके त्याग व संघर्ष की यह तपोभूमि हर देशभक्त हेतु पुण्य तीर्थस्थल है। यहाँ आकर देशभक्ति की भावना और प्रचंड होती है।
@AmitShah 10-10 ,, 20-20 बार माफीनामा लिखने में कौन सी वीरता है? इस देश में नेहरू , भगत सिंह, गांधी जी, जैसे नेता हुऐ है जब जिन्होंने कभी जमानत नहीं ली माफी मांगना तो दूर
@AmitShah पूर्व से पश्चिम तक “कभी ना सूरज डूबने “ वाले ब्रिटिश साम्राज्य का 1950 के दशक में पूरी दुनिया से अन्त हो गया ! अब भारत को आज़ादी तो “चरखे” ने दिलायी तो फिर बाक़ी के देशों को आज़ादी कैसे मिली ? #Justasking
@AmitShah मेरी भी हार्दिक अभिलाषा है वीर सावरकर जी की कोठरी में जा कर इनको श्रृद्धांजलि देने की , 19.10.21 को शायद मेरा ये प्रयास सफल हो पाए। पोर्ट ब्लेयर पहुंच चुकी हूं।💐🙏🇮🇳
@AmitShah ये चैप्टर तो पुराना हो गया। सिंधु border पर भी कुछ कर देते।
@AmitShah Time to honour him with BHARAT RATNA
@AmitShah देखो कैसे छत्तीसगढ़ में हिंदुओं के काफिले को गाड़ी से कुचला गया x.com/awadh_tv/statu…
@AmitShah देखो कैसे छत्तीसगढ़ में हिंदुओं के काफिले को गाड़ी से कुचला गया x.com/awadh_tv/statu…
@AmitShah कुछ नहीं होता तो at least ये चुटियापा ना करो
@AmitShah रावण यदि सावरकर की तरह माफी मांग लेता तो हो सकता था कि वो लंबे समय तक लंकाधीश बना रह सकता था लेकिन वो पुरुषार्थी था पराक्रमी था उसने मरना पसंद किया लेकिन माफी नहीं मांगी जबकि उसके सामने श्री राम प्रभु थे और आप लोग किस तरह माफी मांगने वाले सावरकर की वीर बनाने पर उतारू है।