इस #आत्मा को न तो काटा जा सकता है, न जलाया जा सकता है, न गीला किया जा सकता है, न सुखाया जा सकता है। यह शाश्वत, सर्वव्यापी, स्थिर, अचल और सनातन है। #श्रीमद्भगवद्गीता 2.24 साम योगी द्वारा अनुवादित #गीता #ज्ञानयोग #सामयोगी
0
0
1
54
0
Download Image