जिस देश में लाखों लोगों के पास रहने को अपना घर नहीं, पेट भरने के लिए खाना नहीं! कितने दुर्भाग्य की बात है कि उस देश की राजनैतिक पार्टियाँ अपनी चुनावी रैलियों व प्रचार/प्रसार पर अरबों रुपए खर्च करती हैं।
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