भूत और #प्राण दोनो ही सूक्ष्म शरीर कारण-ग्रन्थि खुलने तक ही सुरक्षित रहते है। कर्म फलानूसार गति तय होनेपर स्थूल शरीर छोडकर जाने वाला #आत्मा सूक्ष्म भूतमात्राओं के साथ युक्त होकर कर्मानुसार शुभाशुभ कर्मयोग के लिए नया शरीर भोग के लिए ग्रहण करता है ।