प्रियांका वाङरा की 1000 बस भेजने की बात इस लिये गडबडा गयी, क्यों की इस खानदान को देने की नही, बस बटोरने की आदत है। यदी बात लेने की होती, दलाली की या कमिशन की होती तो वाङरा मॅडम ने विषय अब तक निपटा दिया होता। नाक भले ही दादी पर गयी हो नियत पुरी की पुरी माँ पर गयी है।
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