आज नोएडा में एक कार ने अनायास ही पीछे से मेरी कार में ठोंक दिया। गुस्सा आया, फिर लगा कि, इससे क्या हासिल होगा। मैंने कार रोककर शीशा नीचे किया और कहा- भाई, कैसे गाड़ी चला रहे हो, पीछे से आकर लड़ा दिए। कार चालक और उसके साथ बैठे सज्जन के मुंह से बोल नहीं फूटे। निरुत्तर थे, गलती का अहसास भी था। मैंने शीशा ऊपर चढ़ाया और घर आ गया। कुछ वर्ष पहले का समय होता तो झगड़ने जाता, खूब खरी-खोटी सुनाता, हो सकता है कि, मारपीट भी कर लेता, लेकिन उसके बाद बहुत समय तक स्वयं परेशान रहता। आज मन शांत है। जीवन में धीरे-धीरे इसी तरह का सुधार करते जाना है। कार में कितना लगा है, सुबह देखूंगा। शुभ रात्रि
@MediaHarshVT @SAanand7 Bhai ji, did you have car insurance? Does it help to have insurance?
@MediaHarshVT अपने नोएडा में एक कहावत है ... ताऊ बुढ़ापे में हड्डियां ना जुड़ा करें बस इसका ख्याल रखा होगा आपने । 😀😀 awesome 💜 great news analysis God bless you
@MediaHarshVT कोई पुराना शाखा का साथी होगा जो पीछे से ठोकने की आदत के चलते लग पड़ा। फिर आपने उसे पहचान लिया इस लिए गुस्सा नहीं आया।
@MediaHarshVT बहुत मुश्किल कार्य है सर मन को, इंद्रियों को साधना 🪷 मगर अभ्यास की शुरुआत ही जीत है सा 💐
@MediaHarshVT @RajeshPandey005 ठीक किये जनाब। जवानी हमेशा नहीं रहती झगड़े के बाद कुछ होने के बाद गलती किसकी है मायने नहीं रखती । इन्शुरन्स होगा ठीक हो जाएगी गाडी ।।
@MediaHarshVT This is it :)