अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च। निर्ममो निरहङ्कारः समदुःखसुखः क्षमी।। किसी वस्तु, परिस्थिति में ममता न करे और किसी चीज-वस्तु का अहंकार उभरने ना दे । सुख-दुःख में सम रहे, ऐसा भक्त मुझे प्रिय है । ये बारहवें अध्याय में बात आती है । #AsharamjiBapuQuotes
@asharamjibapu_ Sant Shri Asharamji Bapu गीता का दिव्य ज्ञान 🙏🏻 ओम नमो भगवते वासुदेवाय ❤️🙏🏻 #AsharamjiBapuQuotes
@asharamjibapu_ गुरुदेव की अमृतवाणी 🌺🙏🏻🌺 जय जय साईं आशाराम
@asharamjibapu_ जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्वतः। त्यक्तवा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन ॥ समोऽहं सर्वभूतेष न मे द्वेष्योऽस्ति न प्रियः। ये भजन्ति तु मां भक्त्या मयि ते तेषु चाप्यहम्।। Sant Shri Asharamji Bapu #AsharamjiBapuQuotes
@asharamjibapu_ आज के युवाओं को गीता का एकाध श्लोक हर रोज पक्का करना चाहिए। गीता के अर्थ में रमण करके युवा कोई ध्येय तय करे तो ध्येय में लगे रहने की उसमें शक्ति आयेगी। आज के युवान का मनोबल काफी कमजोर हो गया है उसके लिए गीता एक अमृतवृष्टि करनेवाली माँ है।
@asharamjibapu_ जोगी_मेरे_मन_के_मित💞 क्या मुस्कान हैं गुरुदेव ! आप की बस देखता रहू ! ये मोज कोइ क्या जाने #Bapuji
@asharamjibapu_ Gita gyan adhbhut he or usme Me bapu ji ki saeal bhasa me Tatvik vyakhy nirali he
@asharamjibapu_ जिनको इसी जन्म में ईश्वर प्राप्त करना हो, वो तीन घंटे "ॐ" कार का जप करे, तीन घंटे ध्यान, तीन घंटे संत की सेवा, और तीन घंटे शास्त्र अध्ययन करे .. अब सद्गुरु सानिध्य नहीं हो, तो मानसिक रूप से चिंतन कैसा जो ईश्वर प्राप्ति में सहायक होना चाहिए #AsharamjiBapuQuotes
@asharamjibapu_ भगवद्गीता का तेरहवाँ अध्याय क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभागयोग है, चौदहवाँ अध्याय गुणत्रय विभागयोग का है। सत्त्वगुण, रजोगुण, तमोगुण...गुणों के स्वभाव के उतार-चढ़ाव में थोड़ा तटस्थ रहें तो गुणों से आप दबेंगे नहीं अपितु गुणों का सदुपयोग करने में सफल हो जाएंगे । ~ #AsharamjiBapuQuotes