'हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया,' ऐसा डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं। अनुमान लगाइए, किस मनोदशा से ये शब्द निकले होंगे? वो दावे, वो तेवर कहाँ गए? ध्यान रहे, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भावुकता का स्थान नहीं।
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@maheshpoddarmp डोनाल्ड ट्रंप के यह शब्द निराशा और असंतोष की मनोदशा दर्शाते हैं, जो वैश्विक राजनीति में बदलती प्राथमिकताओं और शक्ति संतुलन को लेकर उनकी चिंता और क्षुब्धता को उजागर करते हैं