ये इलेक्टोरल बॉन्ड की सफलता है कि इससे लेनदेन में पारदर्शिता आई।
@narendramodi But, your government said in court that public has no right to know about funding. It was the Supreme Court that ordered. Even then you tried to hide names. Baaki, Le sach sun le Electoral bonds kaa. Extortion gang, and you are the master mind.
हे राम! यह सब सुनकर आसमान गिर क्यों नहीं गया? धरती फट क्यों नहीं गई? दरअसल मोदी जी और उनकी सरकार यह मान कर चल रही है कि उन्होंने जनता को पूरी तरह मानसिक गुलाम बना लिया है। और ऐसा अकारण भी नहीं है। गोदीमीडिया दिनरात क्या करता है? आईटी सेल और व्हाट्सऐप युनिवर्सिटी तो उनसे भी बीस हैं। ऊपर से खरबों के विज्ञापन, इवेंटबाजी, फोटोशूट और सेल्फी प्वाइंट्स का प्रबंधन है ही। किंतु तब यह भूल जाते हैं कि भारतवर्ष किसी भूखण्ड का नहीं बल्कि जीती जागती संस्कृतियों का नाम है। यहाँ प्रश्न पूछे जाऐंगे और बदलाव लाए जाऐंगे। यह दोहराने की आवश्यकता नहीं है कि प्रधानमंत्री आदतन झूठ बोलते हैं। इलेक्टोरल बॉण्ड देश का नहीं वरन् दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। भाजपा अपने ही पापों तले दब चुकी है। #SaveDemocracy
@narendramodi सुबह उठते ही झूठ बोलने लगते हो। आपकी मॉमी आपसे मना नहीं करती झूठ बोलने से?
@narendramodi मोदी की गारंटी आखिर है क्या??👇 #ModiKiGuarantee #Jumla #Feku
@narendramodi पारदर्शिता अपने आप नहीं आई, हाथ देकर निकली है सुप्रीम कोर्ट ने ।
@narendramodi @narendramodi @PMOIndia @RBI Kindly look as there is no employment the little money, I have saved in bank account has been debited by @canarabank. I support Government Development policy and if government is doing it from my 590 rupees only then ATB.
@narendramodi ये तो सुप्रीम कोर्ट की मेहरबानी है कि इलेक्टोरल बांड के काले कारनामे बाहर आ गए, वरना आपकी सरकार तो अधिकार ही नहीं देना चाहते थे जनता को जानने का की किसने किसको कितना चंदा दिया, अब भी PM केअर फण्ड की जानकारी साझा नहीं कि आपने।
आपकी सरकार ने इलेक्टोरल बाँड्स को सूचना के अधिकार से बाहर रखा। जैसे आपने PM केयर का हज़ारों करोड़ रुपया दबाया हुआ है। कोई नागरिक नहीं जान सकता कि पैसा कहाँ गया? कहाँ से आ रहा। ये सुप्रीम कोर्ट थी जिसने इलेक्टोरल बाँड्स रद्द किया और जनता को पता चल सका। आपने अभी तक एक जाँच कमिटी भी नहीं बनाई जिससे जाना जा सके कि 1.5 करोड़ कमाने वाली कंपनी भाजपा को 150 करोड़ रुपये कैसे चुनावी चंदा दे सकती है?