UPSC मेरा प्यार था, ध्येय था और सिलेक्शन न होना नियति | हर साल अभी भी जब रिजल्ट आता है तो एक कसक, एक दर्द , एक पीड़ा सी अन्दर से उठती है | उस दिन मुड ऑफ हो जाता है | यद्यपि अब उस बीते हुए कल को सुधारा नही जा सकता | लेकिन फिर भी इस पर मै खुद को न तो समझा पाता हूँ और न ही स्वीकार कर पाता कि मै असफल हुआ था | आप सभी लोग , जो भी तैयारी कर रहे , उनसे मेरा यही अनुरोध है कि अगर पढ़ाई कर रहे तो इतनी मेहनत करके करिए कि सफलता मिले | क्योकि आप यहाँ नही तो कही और सही , सफल हो ही जाओगे | समाज में आपको इज्जत भी खूब मिलेगी | लेकिन आप खुद से स्वीकार नही कर पाओगे | आप के अन्दर ही कोई आपको बोलेगा कि आप यहाँ हार कर आये हो |
@pandit_jag आचार सहिंता लागू होने पर कैसे परिणाम घोषित हो गया
@pandit_jag आप से पूरी सहानभूति है, मैंने ओशो से सुना, जैसे कोई पत्थर को फेके तो पत्थर फेंकी ऊर्जा से गति करता है, पत्थर का इस यात्रा में अपना कोई एफर्ट नहीं होता , यदि पत्थर में अहम बोध हो तो वो कहेगा, मै यहां गया दूसरे पत्थर को काफी पीछे छोड़ दिए ,इतनी तेज गति से निकला। हम लोग भी ऐसे है।